Wednesday, 9 November 2016

पब्लिक बोली, मार्केट में ‘इतना सन्नाटा क्यूं है भाई’, व्यापारी बोले, ‘मेरे गमों से मत खेलो’

City|Kanpur
टीम डीजिटल/अबतक भारत/कानपुर
छोटी छोटी जरूरतों के लिए पब्लिक को जूझना पड़ रहा

पांच सौ और 1000 के नोट बंद होने से कानपुर शहर के कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बड़े नोट स्वीकार न किए जाने की वजह से बुधवार को शहर का पूरा कारोबार प्रभावित रहा। पब्लिक ने कहा मार्केट में ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई’ तो व्यापारियों ने शायराना अंदाज में अपनी प्रतिक्रियायें देते हुए कहा कि ‘मेरे गमों से मत खेलो’। बड़े नोट न चलने की वजह से व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है। खरीददार तो हैं लेकिन उनके पास बड़े नोट होने की वजह से सामान नहीं बेचा जा रहा है। हालांकि कुछ व्यापारियों ने पुराने और जानने वाले ग्राहकों को उधारी में सामान दिया। 
अनुमान के मुताबिक शहर में थोक और फुटकर व्यापार में प्रतिदिन 10 हजार करोड़ का लेनदेन होता है।  सराफा, रीयल एस्टेट, गल्ला, ईट भट्ठे, किराना, रेडीमेड जैसे तमाम कारोबार में अधिकतर कैश लेनदेन होता है। इसके अलावा शहर की लाखों फुटकर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी अधिकतर बड़े नोटों का ही लेनदेन होता है। बुधवार को यह सब सुबह से ही ठप रहेगा। कोई भी कारोबारी बड़े नोटों से कैश लेनदेन नहीं कर सकेगा। कैश बिक्री करने के पीछे हालांकि टैक्स बचाने की मंशा होती है। कारोबारियों का कहना है अधिकतर व्यापारियों के पास बड़े नोट ही हैं। बुधवार को बैंक बंद रहेंगी। इससे नोटों की अदला बदली नहीं हो सकेगी। इस कारण बुधवार को पूरा कारोबार ठप रहेगा। आशंका है कि यही स्थिति गुरुवार को भी रहेगी, क्योंकि इस दिन बैंक खुलते ही मारा मारी मचेगी। यदि गुरुवार को भी बैंक से छोटे नोटों की अदला बदली न हो सकेगी तो शुक्रवार से रविवार तक बैंक फिर बंद रहेंगी। माना जा रहा है कि दो दिन में शहर में करीब 20 हजार करोड़ का लेनदेन ठप रहेगा। 
उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्रा ने कहा कि तीन चार दिन बाजार बंद हो जाएंगे। रुपया कब जमा होगा, कब तक मिलेगा, पता नहीं। व्यापारी संकट में रहेगा। पीएम को इसके लिए पहले से इंतजाम करने चाहिए थे। जिसके पास 100 का नोट नहीं है वह क्या करेगा। उसे तो सब्जी भी नहीं मिलनी। हालांकि भविष्य के लिए यह फैसला बेहतर है।  यूपी सराफा एसोसिएशन मंत्री रामकिशोर मिश्रा ने कहा कि बाजार में हाहाकार की स्थिति है। व्यापारी के साथ ही पब्लिक भी परेशान है। नोट न चलने की घोषणा करने से पहले पब्लिक को तैयार होने का समय मिलना चाहिए था। जब तक स्थिति साफ नहीं होती तब तक व्यापार प्रभावित रहेगा। सराफा बाजार तो पूरी तरह ठप रहेगा, क्योंकि अधिकतर लेनदेन यहां कैश ही होता है। हालांकि काधा धन रखने वालों को पीएम ने सही सबक सिखाया है। 

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