Sunday, 13 November 2016

नोटबंदी पर बोलते हुए भावुक हुए पीएम मोदी, कहा- 'मैंने घर-परिवार सब कुछ देश के लिए छोड़ा'


पणजी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) गोवा में मोपा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की आधारशिला रखी। उसके बाद उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कालेधन पर कहा, आठ तारीख रात आठ बजे देश के करोड़ों लोग सुख चैन की नींद सो गए। लाखों लोग नींद की गोलियां खरीदने गए। उस रात भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अहम कदम उठाया। 
उन्होंने कहा, पुरानी सरकारों से मेरी तुलना न करते तो अच्छा होता। देश ने मुझे काले धन के खिलाफ काम करने के लिए कहा था। देश ने वोट भ्रष्टाचार के खिलाफ दिया था। काले धन पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी बनाई। जो पहले वाली सरकारें टालती थी  वो हमने किया। मैंने कुछ नहीं छिपाया, देश को अंधेरे में नहीं रखा। देश को कभी धोखे में नहीं रखा। देश के सामने हमने खुलकर बात की। कालेधन के खिलाफ अमेरिका जैसे देशों का समर्थन मिला। बेनामी संपत्ति पर कानून तौर पर हमला किया। 2 लाख से ज्यादा का सोना खरीदने पर पैन जरूरी किया। 70 साल की बीमारी 17 महीने में मिटानी है। कुछ सांसदों ने मुझे सोना खरीद पर पैन नंबर के नियम के खिलाफ लिखा था। ज्वैलरी पर एक्साइज ड्यूटी लगाई तो मुझ पर दवाब था। मैं कुर्सी के लिए पैदा नहीं हुआ हूं। भाषण के दौरान भावुक हुए पीएम। उन्होंने कहा, मैंने घर-परिवार सब कुछ देश के लिए छोड़ा है। कुछ लोगों को मजबूरी में बेईमानी करनी पड़ती है। बेईमानी करने वालों को सुधरने का वक्त दिया। 67 हजार करोड़ रुपये जुर्माना समेत जमा कराए गए। आज मैं दो साल के काम का हिसाब गोवा की धरती से दे रहा हूं। जन-धन बैंक अकाउंट का फायदा अब समझेंगे लोग। धीरे-धीरे देश की आर्थिक तबीयत सुधरने की दवा दी। जन-धन स्कीम आया तो लोगों ने मजाक उड़ाया। गरीबों ने जन-धन अकाउंट में 45 हजार करोड़ जमा कराये। हमनें बहुत बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की। 
8 तारीख 8 बजे रात बड़ा कदम उठाया। 4 दिन से हजारों लोग पैसे के लिए कतार में हैं। बैंक के सभी कर्मचारियों का अभिनंदन करता हूं, उन्होंने एक हफ्ते में एक साल से ज्यादा काम किया। मैं बैंक के कर्मचारियों को सलाम करता हूं। बैंके के रिटायर कर्मचारी भी देश की सेवा कर रहे हैं। कतार में खड़े लोगों की मदद करने वाले युवाओं का अभिनंदन करता हूं। सफलता की वजह मेरा फैसला नहीं, सवा सौ करोड़ देशवासी है।  जिस दिन वोट डालते हैं उस दिन भी मुसिबत आती है। मैंने देश से सिर्फ 50 दिन मांगे हैं। मेरा इरादा गलत हो तो जो मर्जी हो मुझे सजा दें। नौजवानों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। किसी को तकलीफ होती है तो पीड़ा मुझे भी होती है। आपने जैसा हिंदुस्तान चाहा वैसा हिंदुस्तान देने का वादा है। बुराइयों को पास से देखा है। यह कष्ट सिर्फ 50 दिनों के लिए है। देशवासियों की तकलीफ और मुसिबत समझता हूं। सफाई हो जाए तो छोटे मच्छर भी नजर नहीं आते। ईमानदार लोगों के भरोसे लड़ाई शुरू की है। गंगा में जो चवन्नी नहीं डालते थे वो नोट बहा रहे हैं। मां के बैंक खाते में रुपये जमा करा रहे हैं बेटे-बहू। देश में 2जी घोटाला, कोयला घोटाला हुआ। घोटाले करने वाले 4000 रुपये के लिए लाइन में खड़े हैं। आम जनता को मेरे फैसले से कोई तकलीफ नहीं होगी। नमक महंगा होने की अफवाह फैलाई गई। ईमानदार को कोई तलीफ नहीं है। जिसका काला धन लुटा, वो परेशान हैं।

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